फैसला / केंद्र सरकार ने बैन की 328 दवाएं, एक सप्ताह में वापस करना होगा स्टॉक, मिलने पर होगा केस

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फैसला / केंद्र सरकार ने बैन की 328 दवाएं, एक सप्ताह में वापस करना होगा स्टॉक, मिलने पर होगा केस

कैमिस्ट प्रधान ने सभी को सोशल मीडिया के माध्यम से किया सूचित

पानीपत. बिना सोचे समझे बनाए गए कंबिनेशन वाली दवाओं को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेशों के बाद जिले में 328 फिक्स डोज कंबिनेशन (एफडीसी) की दवाओं को प्रतिबंध कर दिया गया है। इन दवाओं की बिक्री व उत्पादन पर जिले में रविवार से रोक लगा दी है।

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एफडीए विभाग ने स्पष्ट किया है कि दुकानों व अस्पतालों में इन दवाओं के बचे हुए स्टॉक को तुरंत प्रभाव से वापस जमा करवाया जाए, ताकि इनका प्रयोग पूरी तरह से रोका जा सके। इसके लिए सात दिन का समय दिया है। कुल दवाओं की खपत का यह करीब 30 प्रतिशत है।

 

रोक के बाद दुकानों से 80% एफडीसी दवाएं बाजार से गायब हो जाएंगी। जिले में 328 फिक्स डोज कॉम्बिनेशन वाली करीब एक हजार से अधिक दवाएं बाजार में हैं।

 

वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

क्या हैं एफडीसी दवाएं :- 
एफडीसी दवाएं वह होती हैं, जिन्हें दो या उससे ज्यादा दवाओं को मिलाकर बनाया जाता है। इन दवाओं पर हेल्थ वर्कर्स के साथ ही संसद की समिति ने भी सवाल उठाए थे। हालांकि इसके खिलाफ मैनुफैक्चरिंग कंपनियां कोर्ट में चली गई थी। इसके बाद दवाओं के दुष्प्रभावों को हुए कोर्ट ने इन दवाओं पर रोक लगा दी। विकसित देशों में पहले से ही इस आदेश को लागू को किया था। अब इसे देश में भी लागू किया गया है।

बुखार और खांसी सर्दी की दवा आम :-
एफडीसी दवाओं में ज्यादातर की बिक्री बुखार, सर्दी, खांसी आदि के लिए होती है। ये दवाएं बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिकती हैं। सबसे कॉमन दवाओं में सेरिडॉन, विक्स एक्शन 500, कोरेक्स, सुमो, जीरोडोल, फेंसीडील, जिनटाप पी, डी-कोल्ड, टेक्सिम ओ शामिल हैं।

 

क्यों बनाती हैं कंपनियां :-
सिंगल इन्ग्रेडिएंट्स की दवाएं सरकारी नियंत्रण में होने के कारण काफी सस्ती हैं। नियंत्रण के दायरे से निकलने के लिए कंपनियां दो या इससे ज्यादा डोज मिलाकर नई दवा बना रही थीं।

 

क्या करें मरीज :
यदि मरीजों के पास पहले से दवा प्रयोग के लिए स्टॉक रखा हुआ है तो वे अपने डॉक्टर के पास जाकर इस बारे में बात कर सकता है। डॉक्टर भी इसके लिए अन्य विकल्प दे सकेंगे। चूंकि सिंगल कंबिनेशन में भी दवाएं मौजूद हैं। बस ज्यादा दवा लेने के चक्कर में मरीज भी डॉक्टर से कम दवा देने की मांग करते हैं।

 

ये दवाएं हटीं तो सिंगल कंबिनेशन दवा के उपलब्ध होने में लगेगा वक्त :-
कुछ दवा कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि एफडीसी दवाओं का भारी स्टॉक है। ये दवाएं बंद होती है तो सिंगल कंबिनेशन की दवा आने में वक्त भी लगेगा।

 

एक्सपर्ट व्यू :-
आईएमए प्रधान डॉ. गौरव श्रीवास्तव का कहना है कि अनावश्यक कंबिनेशन किसी भी सूरत में लाभदायक नहीं है। अब मरीज वही दवा ले सकेंगे जिसकी उन्हें जरूरत है। अधिकतर मरीजों को कुछ दवा अनावश्यक रूप से लेते हैं तो फायदा नहीं मिल पाता है। इन दवाओं के प्रयोग से शरीर पर गलत असर पड़ता है। इसके अलावा मंत्रालय को चाहिए कि वह एक दवा एक मूल्य की नीति भी लागू करें।

 

दवा वापसी के लिए 7 दिन :-
एफडीसी दवाओं पर रोक की अधिसूचना जारी की गई है। यदि मरीज के पास इस तरह की दवाएं हैं, तो उनके डॉक्टरों को भी इसे बदलना होगा। डॉक्टरों को विकल्प देना होगा। इसके बाद भी प्रतिबंधित दवाएं मिलती हैं तो ड्रग विभाग की ओर से ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के सेक्शन 26ए के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसके तहत 5 साल तक की सजा का प्रावधान हैं।
– ड्रग कंट्रोलर सीनियर ऑफिसर गुरचरण सिंह

 

सोशल मीडिया के माध्यम से भेजा मैसेज :-
एफडीसी की दवाओं को बेचने पर प्रतिबंध करने के आदेशों को लागू कर दिया गया है। इसके तहत सात दिन में दवाओं को वापस भिजवाया जाएगा। सभी केमिस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से इस बारे में सुचित किया जाता है। वैकल्पिक दवा बेची जाएंगी।

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