कत्ल केस में जमानत पर आए युवकों का था हैरोइन नेटवर्क, चार अरैस्ट
कत्ल केस में जमानत पर आए युवकों का था हैरोइन नेटवर्क, चार अरैस्ट
जालंधर(वरुण):तरनतारन में कत्ल केस में जमानत पर आए दो युवकों समेत चार लोगों को सीआईए-1 (जालंधर रूरल पुलिस) की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद का हैरोइन नेटवर्क चला रहे थे और अपने नेटवर्क में और भी लोगों को जोड़ रहे थे। जिस इनोवा में वह हैरोइन की सप्लाई लेने जाते थे, उसके ड्राइवर को भी वह अपने नेटवर्क में जोड़ चुके थे। आरोपियों से 300 ग्राम हैरोइन, 3.03 लाख रुपए की ड्रग मनी और इनोवा कार बरामद हुई है।
एसएसपी नवजोत सिंह माहल ने बताया कि सीआईए-1 के इंचार्ज हरिंदर सिंह की टीम ने हाल में ही रसीला नगर के रहने वाले सुदेश कुमार को 75 ग्राम हैरोइन समेत गिफ्तार किया था। आरोपी से पूछताछ की गई तो लगा कि वह उसने यह हैरोइन शाह व लाडी नाम के युवकों से खरीदी है। सब इंस्पैक्टर अजीत सिंह ने शाह व लाडी का ट्रैप लगाया और जीटी रोड भोगपुर पर उनकी इनोवा गाड़ी रोक ली।
गाड़ी में चार लोग सवार थे जिनकी पहचान जसपाल उर्फ शाह (25) पुत्र सुखविंदर सिंह निवासी गुरु नानकपुरा अमृतसर, रणजीत सिंह उर्फ लाडी (25) पुत्र जरनैल सिंह निवासी संगाडिय़ा मोहल्ला पट्टी, कुलविंदर उर्फ बाऊ (30) पुत्र हजारा सिंह निवासी दशमेश नगर पट्टी व मलकीत सिंह निवासी पुत्र अवतार सिंह निवासी गांव मल्लीया तरनतारन के रूप में हुई।
तलाशी लेने पर आरोपियों से 300 ग्राम हैरोइन मिली, जबकि 3.03 लाख रुपए की ड्रग मनी भी मिली। पूछताछ में पता चला कि गैंग के किंगपिंग शाह व लाडी थे। लाडी व कुलविंदर कत्ल केस में नामजद हैं, लेकिन राजीनामा हो जाने के कारण अब जमानत पर हैं। लाडी ने बाहर आकर शाह से बात की और बाद में रेहड़ी लगाने वाले मलकीत को भी अपने साथ मिला लिया। मलकीत लड़ाई झगड़े के केस में जेल काट कर आया है, लेकिन अब जमानत पर हैं। पूछताछ में पता चला कि शाह व लाडी तरनतारन से हैरोइन खरीद कर लाते थे।
लाडी को पता था कि कुलविंदर हैरोइन का नशा करता है और उसने नशे की सप्लाई लेने के लिए कुलविंदर की इनोवा गाड़ी किराए पर लेकर जानी शुरू कर दी। बाद में कुलविंदर को भी लालच देकर उन्होंने अपने गैंग में मिला लिया। शाह पल्लेदारी का काम करता था जबिक रणजीत वैल्डिंग का काम करता था। जल्द पैसे कमाने के चक्कर में हैरोइन बेचने का काम शुरू कर लिया।
अपने इलाके में नहीं बेचते थे हैरोइन
इंस्पपैक्टर हरिंदर सिंह ने बताया कि चारों आरोपी इतने शातिर थे कि वह अपने गांव या इलाके में किसी भी युवक को हैरोइन नहीं बेचा करते थे। यह लोग करीब पांच माह से हैरोइन बेचने का काम कर रहे हैं, लेकिन एक बार भी इन लोगों ने अपने गांव के युवक को हैरोइन नहीं बेची। इसका कारण था कि अगर वह इलाके में ड्रग्स बेचते थे, लोगों ने उनके खिलाफ हो जाना था और उनके धंधे का बारे पुलिस को भी पता लग जाना था।