आसमान से आग बरस रही है और तापमान चालीस से भी ऊपर है लेकिन मुकद्दस रमजान में बच्चों का हौसला उससे भी बढ़कर है।

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रिपोर्ट ब्यरो चीफ जावेद अंसारी

इस शिद्दत की गर्मी में जहां बड़े भी रोज़ा रखते हुए सोच रहे है तो वही छोटे छोटे मासूम बच्चे रोज़ा रखकर बड़ो के लिए नसीहत पेश कर रहे है। पिरान कलियर के ग्राम महमूदपुर में दो नन्हे मुन्ने सगे भाई मौहम्मद शान उम्र 10 वर्ष जिसने 18 रोजे मुकम्मल किए है तो वही अयान उम्र 9 वर्ष ने 20 रोजे रखकर बड़े रोज़ेदारों को चौंका दिया है। दोनों बच्चो ने माता-पिता के लाख मना करने के बावजूद रोजे रखे बल्कि उन्हें पूरा भी कर दिखाया। लगभग साढ़े पन्द्रह घण्टे का रोज़ा और शिद्दत की गर्मी को मात देकर इन मासूम बच्चों ने बड़ो के लिए एक नजीर पेश की है।

मुकद्दस माहे रमजान में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है। रहमतों और बरकतों के इन दिनों में रोजेदार न सिर्फ खुदा के लिए अपनी शिद्दत बल्कि इंसानियत के लिए अपनी चाहत भी परखते हैं। इबादत की इस कतार में नन्हे रोजेदार भी शामिल हुए है। इस गर्मी के मौसम में रोजा 15 घटे से अधिक का है। इस मौसम में छोटे तो दूर बड़े लोग भी रोजा मुश्किल से रख पाते हैं। ऐसे में इन नन्हें बच्चो का हौसला काबिल-ए-तारीफ है। शान और अयान के पिता सरवर सिद्दीकी ने बताया कि गर्मी को देखते हुए बच्चो को रोज़ा रखने से मना भी किया गया लेकिन बच्चो ने एक ना मानी और दोनों बच्चो ने 18 और 20 रोजे मुकम्मल किए है। रोज़ेदार बच्चो ने बताया रमजान के पाक महीने का रोजा रखकर काफी अच्छा लग रहा है। पूरी शिद्दत से खुदा की इबादत कि हैं। घर में बड़ो को देखकर उन्होंने भी रोज़ा रखा है,
शान और अयान ने बताया कि अम्मी, अब्बू ने उन्हें रोजे की फजीलत के बारे में बताया। हर साल रमजान में घर में सभी बड़े रोजा रखते हैं, उन्हें देखकर वह भी रोज़ा रखते है पिछले साल भी दोनों मासूम बच्चो ने कई रोजे रखे थे और इस बार भी शान ने 18 और अयान ने 20रोजे रखे है, उन्होंने बताया रोजा रखकर उन्हें, बहुत अच्छा लगाता। गर्मी बहुत थी इसलिए प्यास की शिद्दत रही। शाम को मगरिब में रोज़ेदारों और पूरे परिवार के साथ रोज़ा इफ्तार करते है

फोटो:-दुआं मांगते नन्हे मुन्ने रोज़ेदार बच्चे

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